
माँ काली मंदिर, कालापानी – काली नदी का उद्गम स्थल और आस्था का प्रतीक
कालापानी: आस्था और प्रकृति का संगम
कालापानी, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित एक खूबसूरत तीर्थस्थल और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र है। यह स्थान पिथौरागढ़ से 110 किमी दूर और 11788 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ रं समुदाय के लोग अस्थि विसर्जन करते हैं, और इसे काली नदी का उद्गम स्थल माना जाता है।
माँ काली मंदिर और काली नदी का उद्गम
कालापानी में आईटीबीपी द्वारा निर्मित माँ काली मंदिर है, जिसके गर्भगृह से ही काली नदी का प्रवाह शुरू होता है। यही नदी आगे चलकर भारत-नेपाल सीमा निर्धारित करती है और टनकपुर में शारदा नदी बन जाती है।
सुरक्षा और ऐतिहासिक महत्व
यह क्षेत्र सीमा सुरक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। आईटीबीपी, एसएसबीपी और भारतीय सेना यहां तैनात रहती हैं। 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान बनाए गए बंकर आज भी यहाँ देखे जा सकते हैं।
प्राकृतिक सुंदरता और भौगोलिक महत्व
- कालापानी से चीन की दूरी मात्र 12 किमी है और इसके पास ही नाभीढांग क्षेत्र स्थित है।
- यहाँ से प्रसिद्ध ओम पर्वत भी दिखाई देता है।
- हालाँकि, यहाँ संचार की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है, केवल सुरक्षा एजेंसियों के पास वायरलेस और सैटेलाइट फोन होते हैं।
कालापानी आस्था, इतिहास और प्रकृति का अनूठा संगम है, जहाँ माँ काली मंदिर श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करता है।