
जिलाधिकारी के निर्देशों के तहत प्रभागीय वनाधिकारी आशुतोष सिंह ने बताया कि फॉरेस्ट फायर सीजन लगभग 15 फरवरी से 15 जून तक रहता है। पिथौरागढ़ जनपद में 1600 से अधिक वन पंचायतें हैं, जिनमें से 300 से अधिक अतिसंवेदनशील हैं, जहां वनाग्नि की संभावना अधिक होती है।
आग को वन पंचायत स्तर पर रोकने के लिए वन पंचायतों को आवश्यक टूल्स उपलब्ध करा दिए गए हैं, साथ ही क्रू स्टेशनों की जांच और मरम्मत भी पूरी कर ली गई है। इस बार पूरा जिला प्रशासन वनाग्नि की रोकथाम के लिए पूरी तरह से तैयार है।
इसके अलावा, वन विभाग द्वारा स्थानीय जनता को जागरूक करने के उद्देश्य से विभागीय वाहनों के माध्यम से प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है।