
सीमांत क्षेत्रों में विकास की नई पहल
स्थानीय उत्पादों की आपूर्ति हेतु ITBP व उत्तराखंड सरकार के बीच MOU की समीक्षा बैठक
जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की पिथौरागढ़ स्थित 3 वाहिनियों की 14 पोस्टों को स्थानीय उत्पादों — जैसे बकरी/भेड़ का मांस, चिकन, अंडे और मछली — की आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु किए गए समझौता ज्ञापन (MoU) की प्रगति पर चर्चा की गई।
🌾 उद्देश्य और लाभ
यह पहल वाइब्रेंट विलेज योजना के अंतर्गत सीमांत क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने, पलायन रोकने, एवं स्थानीय पशुपालकों, विशेषकर महिलाओं को रोजगार और आय का स्रोत प्रदान करने की दिशा में एक सशक्त कदम है।
जिलाधिकारी ने कहा कि विभिन्न सहकारी समितियों के माध्यम से ग्रामीणों को इस योजना से प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है। उन्होंने पशुपालन एवं मत्स्य विभाग को निर्देशित किया कि:
- आपूर्ति किए जाने वाले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता नियमित रूप से जांची जाए।
- कम आपूर्ति वाले क्षेत्रों में सप्लाई चेन को मजबूत किया जाए।
- सामूहिक ऑर्डर सिस्टम लागू कर यात्रा व्यय को कम किया जाए।
🐔🐟 विशेष सुझाव:
- कुक्कुट सप्लाई की प्रतीक्षा अवधि घटाई जाए ताकि वजन में कमी न हो।
- मटन सप्लाई हेतु ग्रामीणों को सहकारी समितियों से जोड़ा जाए।
- वाहन की व्यवस्था के लिए जिलाधिकारी ने जिला योजना के तहत बजट आवंटन का आश्वासन दिया।
- मीट वेस्ट और खाद्य अपशिष्ट के उचित निस्तारण के लिए भी निर्देश जारी किए गए।
🎣 “हिमालयन ट्राउट” बना आर्थिकी का नया आधार
सहायक निदेशक मत्स्य डॉ. रमेश चलाल ने बताया कि इस योजना से छोटे किसान भी जुड़े हैं और आईटीबीपी को गुणवत्तापूर्ण हिमालयन ट्राउट की आपूर्ति की जा रही है। इससे सीमांत क्षेत्रों में मत्स्य व्यवसाय से जुड़े लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार आया है।
📊 आगे की कार्य योजना
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि आगामी बैठक में ब्लॉक व न्याय पंचायतवार लाभार्थियों की संख्या और आर्थिक प्रगति पर प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया जाए।
🧑💼 बैठक में उपस्थित
- डॉ. रमेश चलाल (सहायक निदेशक, मत्स्य विभाग)
- पशुपालन विभाग के अधिकारी
- ITBP की तीन वाहिनियों के प्रतिनिधि