आदि कैलाश यात्रा 2025: परमिट प्रक्रिया, तिथियाँ और जरूरी दिशानिर्देश

Adi Kailash Inner Line Permit 2025

Adi Kailash Inner Line Permit 2025

आदि कैलाश यात्रा 2025: जानें परमिट प्रक्रिया से लेकर सुविधाओं तक हर जरूरी बात

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जनपद में स्थित पवित्र आदि कैलाश और ओम् पर्वत का दर्शन हर वर्ष हजारों श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव होता है। वर्ष 2025 में यह यात्रा अक्षय तृतीया (30 अप्रैल 2025) से परमिट प्रक्रिया के साथ आरंभ होने जा रही है। प्रशासन की ओर से इस बार यात्रा को और अधिक सुरक्षित, सुगम और व्यवस्थित बनाने के लिए व्यापक तैयारियां की जा रही हैं।

🗓️ परमिट प्रक्रिया की शुरुआत

  • शुरुआत की तारीख: 30 अप्रैल 2025
  • स्थान: उपजिलाधिकारी, धारचूला के माध्यम से
  • प्रक्रिया: इनर लाइन परमिट प्राप्त करने के लिए श्रद्धालुओं को आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होगा।

प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यात्री केवल निर्धारित तिथि से ही यात्रा की योजना बनाएं और समय पर परमिट प्रक्रिया पूर्ण करें।

🛕 कपाट खुलने की तिथि

02 मई 2025 को आदि कैलाश मंदिर के कपाट पारंपरिक पूजा-अर्चना के साथ श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए खोल दिए जाएंगे। यह दिन आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर रहेगा, जब पूरा क्षेत्र भक्ति और शांति के वातावरण में डूबा रहेगा।

🏕️ यात्रा के दौरान सुविधाएं

जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी के अनुसार, यात्रियों के लिए निम्नलिखित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं:

  • स्वास्थ्य सेवाएं और मेडिकल टीमों की तैनाती
  • पेयजल, स्वच्छता और भोजन की व्यवस्था
  • मोटर मार्गों का सुधारीकरण और सफाई कार्य
  • दूरसंचार (टेलीकॉम) और आपातकालीन सेवाएं
  • होमस्टे सुविधा: यात्रियों को स्थानीय होमस्टे में आवास की सुविधा मिलेगी, जिससे स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।

🔐 यात्रियों का लेखा-जोखा और सुरक्षा

सभी यात्रियों का पूरा विवरण प्रशासन के पास सुरक्षित रहेगा। इससे न केवल उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि आपात स्थिति में त्वरित सहायता भी उपलब्ध कराई जा सकेगी।

🛡️ सेना और आईटीबीपी का सहयोग

जिला प्रशासन द्वारा सेना और आईटीबीपी (भारत तिब्बत सीमा पुलिस) के साथ समन्वय स्थापित किया गया है। ये दोनों एजेंसियाँ यात्रा की सुरक्षा और व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित करने में अहम भूमिका निभाएंगी।

🧘‍♂️ पर्यावरण और नियमों का पालन अनिवार्य

प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं से पर्यावरण संरक्षण का विशेष ध्यान रखने की अपील की है। प्लास्टिक उपयोग से बचें, जैविक अपशिष्ट का निपटान करें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।


✍️ अंत में…

आदि कैलाश यात्रा केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि आत्मिक शांति, प्रकृति की भव्यता और संस्कृति से जुड़ने का अवसर है। यदि आप 2025 में इस पावन यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो प्रशासन की हिदायतों का पालन करें, निर्धारित प्रक्रिया में भाग लें और एक यादगार व सुरक्षित यात्रा का अनुभव करें।

adi kailash - yatra
adi kailash – yatra
0 Shares

Read Previous

पिथौरागढ़ में सितम्बर 2025 में होगा चतुर्थ ऑल इंडिया फुटबॉल टूर्नामेंट

Read Next

अर्जुन पुरस्कार विजेता हरि दत्त कापड़ी जी का निधन – एक युग का अंत

Most Popular